अर्ध दृष्टि (Hemiopia)
यह प्रायः ऑप्टिक – नर्व के दोष के कारण होता है, इसके अलावा यह बीमारी शरीर के बहुत कमजोर हो जाने के कारण तथा मस्तिष्क में ट्यूमर या कोई अन्य रोग हो जाने के कारण भी हो सकता है।
डबल दृष्टि (Deplobia)
आँख के अंदर स्थित स्नायुमंडल ( nervous system ) का रोग होने पर और कोई शरीर को कमजोर कर देने वाले बीमारी से ग्रसित होने के बाद यह रोग अधिक होता है।
इसमें रोगी किसी बस्तु या व्यक्ति का सामने या पीछे का हिस्सा डबल देखता है और कभी कभी अगल –बगल डबल देखता है। रोगी को ऐसा दीखता ही है जैसे एक आदमी दो हो गया है.
युफोर्बिया 30- जब किसी वस्तु या व्यक्ति के सामने या पीछे का भाग डबल दिखाई दे-
एसिड नाइट्रिक या ओलिएंडर 30– अगल बगल डबल दिखे
एगारिकस 30 – मुंशी या क्लर्क को दबले द्रष्टि की बीमारी होने पर
टेढ़ी दृष्टि (Strabismus or Squint)
यह रोग स्नायु की कमजोरी, आक्षेप के कारण, कभी कृमि आदि के कारण या अन्य कारण से हो सकता है या कभी जन्मजात होता है
जेल्सेमियम 30 या 200 – प्रमुख दवा
साईक्लेमेन 6, 30 – जेल्सेमियम से फायदा नहीं होने पर
साईक्यूटा 30 – फिट या दांती लगने के कारण हो जाने पर, पुरे शरीर का टेढ़ा मेढ़ा हो जाना
बेलाडोना 30 और हायोसाईमस 30 – आक्षेप के कारण टेढ़ा देखना, मस्तिष्क के रोग के कारण टेढ़ा देखना, इसका मस्तिष्क स्नायुमंडल पर अच्छा क्रिया होती है.
बायोकेमिक दवा – मैग फॉस 6X दिन में 4 बार
स्पाईजेलिया – कृमि के कारण
यह रोग अगर जन्म से हो तो इसकी कोई दवा नहीं है