Depression treatment in homoeopathy

Depression, Anxiety मानसिक अवसाद Sadness

मानसिक अवसाद

(Depression or Anxiety)

sadness

मानसिक अवसाद सभी भावनात्मक अवस्थाओं में सबसे व्यापक है। शुरू में इस में हल्की उदासी होती है इसके बाद धीरे-धीरे यह बहुत ज्यादा दुख तकलीफ और उदासी में बदल जाता है, इसका सामना करने से अन्य शारीरिक रोग भी हो सकते हैं, अंत में व्यक्ति कभी-कभी आत्महत्या तक कर लेता है। पर देखा जाए तो यह एक ऐसी हालत है जो जीवन को परिपक्व बनाती है। अवसाद बच्चों में भी देखने को मिलता है लेकिन बहुत कम। इस बीमारी से अधिकतर 30 साल के अधिक उम्र के लोग ग्रसित होते हैं। महिलाओं में विशेष रूप से अधिक पाया जाता है। कुछ मामलों में अवसाद शोक से भी जुड़ जाता है।

लक्षण 

Signs of depression

साधारणतः अवसाद से ग्रसित व्यक्ति थकावट अनुभव करता है,  भूख खत्म हो जाता है, दिमाग घूमता रहता है, बेचैनी और घबराहट बढ़ जाती है, इसके अलावा पूरे शरीर में कमजोरी, उदासीनता, कब्ज, एकाग्रता की कमी, दर्द, निर्णय लेने की शक्ति में कमी, आदि लक्षण भी दिखाई पड़ने लगते हैं।

प्रमुख कारण (Depression causes)

  • जो लोग अनियमित रूप से भोजन करते हैं उनके शरीर में पाचन संबंधी परेशानी पैदा हो जाती है और शरीर में चर्बी बढ़ जाती है जो दिमाग में बहुत जल्दी अवसाद पैदा करती है।

  • अधिवृक्क ग्रंथि (Adrenal gland) की कार्यप्रणाली मानसिक अवसाद के मुख्य कारणों में से एक है।

  • जो लोग अधिक दवाई लेते हैं उनके शरीर में विटामिन तथा खनिज पदार्थों का दोषपूर्ण प्रभाव पड़ता है जिसके कारण मानसिक अवसाद उत्पन्न होता है।

  • भोजन में कार्बोहाइड्रेट की अधिकता तथा सब्जियों की मात्रा कम प्रयोग करने से अपच उत्पन्न होता है जिस कारण फेफड़े तथा हृदय में पीड़ा होती है जिसके कारण उत्तकों में ऑक्सीजन की मात्रा कम हो जाती है जिसके कारण शरीर के अंदर अशुद्धि बढ़ जाती है और मानसिक अवसाद बढ़ जाता है।

  • शरीर में यदि कैल्शियम की कमी हो जाती है तो मधुमेह और लीवर की कमजोरी से मानसिक अवसाद पैदा हो जाता है।

 

इलाज (Treatments for depression)

इग्नेशिया 200– मानसिक कष्ट के दुष्परिणामों के लिए यह औषधि प्रसिद्ध है इस औषधि में मानसिक उद्वेग का भाग मुख्य रहता है जिस कारण रोगी की मानसिक स्थिति डांवाडोल रहती है कभी हंसता है कभी रोता है। हिस्टीरिया के लक्षण इस में पाए जाते हैं। परस्पर विरोधी मूड बदलती रहती है। रोगी एकांत में बैठा रहता है आंख में आंसू रहते हैं,  मुसीबत में गमगीन रहा करता है, आहे भरता है। किसी अपने के मर जाने या कोई शोक, चिंता भय, निराशा आदि के कारण उत्पन्न मानसिक अवसाद।

एसिड फॉस Q, 6, 30, 200– अगर मानसिक कष्ट पुराना हो जाए, रोगी का जीवन के प्रति उत्साह मिट जाए, हतोत्साहित रहे।

नेट्रम म्यूर 200- मानसिक कष्ट के पुराना हो जाने पर एसिड फॉस की तरह यह औषधि भी उपयोगी है। रोगी शिकायत करता है कि खोपड़ी पर भार पड़ रहा है और दर्द होती है दिल उदास रहता है रोना आता है, रोगी टुकड़ा हुआ जाता है, इसमें इग्नेशिया की अपेक्षा चिड़चिड़ा हट ज्यादा रहता है, कोई सहानुभूति प्रकट करें तो चिल्लाती है गुस्सा आ जाता है जब मानसिक कष्ट के लक्षण इग्नेशिया से पूरी तरह दूर ना हो।

सिमिसिफ्युगा 30, 200- यह स्त्री रोगों की प्रधान औषधि है। रोगिणी  को ऐसा लगता है कि मानो काले बादलों से गिर गई है अत्यंत मानसिक म्लानता के साथ नर्वस रहती है। ऐसे स्वप्न आते हैं कि कोई आपत्ति आने वाली है बेचैनी नींद नहीं आना ऐसा मानसिक अवसाद आगे रहता है कि पीछा छूट आई नहीं छूटता है जीवन में अंधकार ही अंधकार दिखता है। आत्मघात की प्रवृति हो जाती है,  रितु स्राव रुक जाता है डिम्ब ग्रंथियों (Ovaries)में दर्द होता है,  रितु स्राव हो तो होने से ठीक पहले दर्द होता है रितु स्राव अनियमित होता है। युवा स्त्रियों के चेहरे पर दाग धब्बे पड़ जाते हैं।

औरम म्यूर 30औरम मेट 30– जीवन के प्रति घृणा,  पुरुषों में आत्मघाती विचार आना, खिन्न रहना, रोगी रोता रहता है।

ओपियम 30, 200

मानसिक अवसाद रोगी नर्वस, इसके साथ कब्ज रहना।

प्लैटिना 30, 200- यह मुख्य तौर पर स्त्री रोगों की औषधि है भिन्न-भिन्न अंग सुन हो जाते हैं ठंडे पड़ जाते हैं ऋतु के दर जाने से प्राइस के रोग हो जाते हैं शारीरिक रोग के लुप्त हो जाने से मानसिक रोग प्रकट हो जाता है। इसका एक खास लक्षण यह है कि यह रोगी अपने आप को बहुत बड़ा और दूसरे को तुच्छ समझता है।

 

घरेलू उपचार (home remedies for depression)

  • सबसे पहले भोजन को नियमित करें भोजन निश्चिंत होकर और चबा चबा कर खाएं।

  • भोजन में रोटी दाल कम सब्जियां तथा फल अधिक हो फलों व सब्जियों को व्यक्ति के मानसिक स्वास्थ्य पर अच्छा प्रभाव पड़ता है।

  • भोजन बिल्कुल सादा और सुपाच्य लें। चाय, कॉफी शराब, चॉकलेट कोला, शक्कर, मसालों आदि का प्रयोग बिल्कुल ना करें।

  • अधिक लोभ, क्रोध तथा चिंताओं को छोड़ दें

  • आंवले का मुरब्बा का सेवन करें

  • रात के भोजन में हरी सब्जियां सलाद अंकुरित अनाज तथा दूध ले।

  • प्रकृति का स्नान संगीत है हंसी-मजाक प्रसन्नता आदि अवसाद को दूर करने के कारगर उपाय हैं।

  • सुबह-शाम कहां से पर नंगे पांव आधे घंटे तक टहलना चाहिए।

  • मन में सोचे कि मुझे कोई चिंता नहीं है इससे मानसिक दबाव के भाव दूर होंगे।

  • योगासन आदि करना चाहिए

 

Natural cures for depression

दुख चिंता तनाव वगैरह हमारे जीवन का एक कटु सत्य है परंतु इसका मतलब यह नहीं कि आप सदा चिंतित और तनावग्रस्त रहें। हमारी रोजमर्रा की जिंदगी में जो कुछ हमारे साथ होता है उस पर सदा हमारा कंट्रोल नहीं रहता है। लिहाजा आप मुसीबत और चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में चिड़चिड़ा, गुस्सा होकर या भड़क के रिएक्ट नहीं करना चाहिए। ऐसे हालातों में बेहद फिकरमंद होने का मतलब है ना केवल मानसिक बल्कि शारीरिक समस्याओं को भी आमंत्रित करना। हम जितने अधिक दुखी होंगे उतने ही अधिक तनाव के शिकार होंगे। हमारा शरीर उतना ही अधिक असुरक्षित बनता चला जाएगा।  सर्दी, फ्लू तथा और भी कई बीमारियों के लिए हम पर आक्रमण करना सरल हो जाएगा, ठीक इसके विपरीत यदि हम तनाव से मुक्त रहते हैं तो बीमारियों से दूर रहेंगे साथ ही हम जीवन की सुंदरता व खुशी का सही मायनों में लुत्फ उठा सकेंगे।

गहरी सांस लें

छाती पर जोर डालकर तेजी से सांस लेने पर शारीरिक तनाव बढ़ता है जबकि उदर श्वसन शारीरिक व मानसिक दोनों तरह के तनाव से मुक्ति दिलाता है इसकी प्रक्रिया इस प्रकार है तनाव से मुक्ति के लिए किसी आराम युक्त व आराम आसन में बैठकर धीरे-धीरे गहरी सांस लें अपना हाथ पेट पर नाभि के ठीक नीचे रखकर नाक से गहरी सांस लें,  जैसे जैसे पेट फूलने लगे वैसे वैसे अपना हाथ धीरे-धीरे हटाए। सांस को कुछ सेकंड के लिए रोक कर बाद में धीरे से छोड़ दें। यह क्रिया बार-बार दोहराएं। इस क्रिया को बार बार करने से शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ती है और कोशिकाओं को पोषण मिलता है तथा कार्बन डाइऑक्साइड जैसे गंदगी बाहर निकलते हैं साथ ही अंतःस्रावों में संतुलन पैदा होकर शरीर मन भावनाएं नियंत्रित होती है।

अपनी कल्पना शक्ति को आजमाएं

अध्ययनों से यह सिद्ध हुआ है कि अगर निराशा और तनाव के समय आंख बंद करके किसी शांत मनोहारी दृश्य को देखा जाए या गहन किया जाए तो आप सहज ही रिलैक्स महसूस करेंगे। विशेषज्ञों का कहना है कि तनाव की स्थिति में आंखें बंद करके आराम से तीन गहरी सांसे लें और कुछ क्षणों के लिए किसी शांत व मनोहारी दृश्य की कल्पना करें- जैसे कि आप रंग बिरंगे फूलों के बगीचे से गुजर रहे हैं या किसी छोटी नदियां झरने में घुटनों के बल बैठे हैं या समुद्र के किनारे लेटे हुए हैं। इस समय अपने काल्पनिक दृश्य की ध्वनियों खुशबू आदि पर विशेष ध्यान दें।

मालिश भी शांति देती है

मानसिक शांति प्राप्त करने का एक और अच्छा तरीका है हल्का मालिश। तनाव की स्थिति में सारे शरीर को हल्का मालिश तन मन को बहुत शांति प्रदान करता है इसके लिए बिस्तर पर लेट जाएं अपने अंग अंग को ढीला छोड़ दें किसी अच्छी बात पर ध्यान लगाएं और अपने जीवन साथी से शरीर पर धीरे-धीरे अंगुलियां फिराने को कहें,  कुछ ही देर में महसूस होगा कि आपका तनाव छूमंतर हो रहा है।

कोई अच्छा टॉनिक ले सकते हैं

आजकल बाजार में स्नायुओं का तनाव दूर कर मानसिक शांति प्राप्त करने वाले कई तरह के टॉनिक उपलब्ध हैं खास तौर पर यह विटामिन बी कॉन्प्लेक्स युक्त टॉनिक होते हैं।  अपने डॉक्टर की सलाह से कोई अच्छे टॉनिक का प्रयोग कर सकते हैं, कुछ ही दिनों में फायदा दिखाई देने लगेगा।  ध्यान रहे डॉक्टर की सलाह के बगैर कोई टॉनिक ना लें।

मुस्कुराए

हंसी हमारे शरीर के लिए सबसे अच्छा टॉनिक है, हंसने से हमारे शरीर का तनाव दूर होता है तथा मन प्रसन्न होता है। हंसने से हमारे चेहरे की नसों को एक गति प्राप्त होती है जो दिमाग के भावनात्मक केंद्र लिम्बिक सिस्टम को प्रभावित करती है और मस्तिष्क का न्यूरोकेमिकल संतुलन बना रहता है जो कि बनता है तनाव को दूर करने वाले हार्मोनों के स्राव से।

जबड़े को ढीला करें

जब तनाव अपनी सीमा से आगे बढ़ने लगे तो यह उपयोग आजमा सकते हैं। अपने दोनों हाथों की तर्जनी उंगलिंयों को जबड़े के जोड़ों पर अर्थात कान के बाजू में रखें तथा दोनों जगहों को मिलाकर कसकर बंद करें फिर गहरी सांस लें सांस को कुछ क्षणों के लिए रोककर रखें तथा छोड़ते समय आ हा हा हा कहें और दातों की पकड़ ढीली कर दें, यह क्रिया थोड़े-थोड़े समय पर दोहराते रहना चाहिए।

अफसोस मनाना छोड़ें

डॉक्टरों और मनो विशेषज्ञों का कहना है कि जब हम अपराध बोध की भावना से ग्रसित हो जाते हैं तब तनाव और विचार की की भावना बढ़ती है। दूसरे शब्दों में यह कहा जा सकता है कि अपराध बोध की भावना की बदौलत हमारा तनाव और दुख बढ़ जाता है तथा हम अधिक असहाय बन जाते हैं।  दरअसल हमें सकारात्मक बनना चाहिए, अपने आप को किसी भी परिस्थिति के अनुकूल बनाना चाहिए। यदि आपकी गाड़ी छूट गई है तो सिर पकड़कर अफसोस के सागर में डुबकी नहीं लगाए,  दूसरी गाड़ी या किसी और साधन के लिए प्रयास करें। अगर आपके घर या दफ्तर में भी कभी-कभार आपकी इच्छा के विरुद्ध कुछ हो रहा हो तो इसके लिए दुखी होकर एकांत में बैठकर चिंता में नहीं खोना चाहिए बल्कि अपनी इच्छा के अनुसार कार्य करवाने की कोशिश करनी चाहिए। अपने आप को हालात से लड़ने वाला बनाना चाहिए।

शादी करें

ऐसा माना जाता है कि शादीशुदा लोग नकारात्मक भावनाओं से कम पीड़ित होते हैं जबकि अकेले रहने वाले लोग नकारात्मक भावनाओं से अधिक पीड़ित पाए जाते हैं।

कैफीन युक्त पदार्थों को त्याग दें

कैफीन युक्त पदार्थों पर की लत को धीरे-धीरे छोड़ने की कोशिश करें। यदि आप एकाएक उनको त्याग करेंगे तो सिर दर्द का शिकार हो जाएंगे और जो आपकी मानसिक शांति को और खराब कर देगा। यह सिरदर्द कई दिनों तक बना रह सकता है आप रोजाना अपने दूध में कॉपी की मात्रा थोड़ी-थोड़ी कम करें और इसके बदले में कॉफी की तरह घोलकर पीने वाले किसी विटामिन युक्त पाउडर का प्रयोग करें।  एक ही बार में कैफीन की अधिक मात्रा कम ना करें कैफीन पूरी तरह से छोड़ने के लिए कुछ सप्ताह तक इंतजार करना पड़ सकता है जब आपका कैफीन की लत से पूर्ण रूप से मुक्त हो जाएंगे तब और कोई सॉफ्ट ड्रिंक या कोई अच्छा पेय लेना शुरू कर सकते हैं।

हथेलियां आंखों पर रखें

अपने दोनों हाथों की हथेलियों को आपस में रगड़ कर उन्हें गर्म करें अब आंखें बंद करके हथेलियों को आंखों पर 5 सेकंड तक रखें। इस समय आप गहरी सांस लेते रहें यह प्राकृतिक गर्माहट दुख, उदासी,  तनाव की स्थिति में आराम दिलाती है।

एक्यूप्रेशर को अपनाएं

एक एक्यूप्रेशर के विशेषज्ञों के अनुसार यदि शरीर के महत्वपूर्ण पॉइंट्स पर उंगली से दबाव डाला जाए तो तनाव दूर होकर मानसिक शांति प्राप्त हो सकती है।

दोनों आंखों के बीच में जहां पर नाक की हड्डी समाप्त होकर ललाट से मिलती है या यूं कहें कि जिस स्थान पर महिलाएं बिंदी लगाती है वहां पर अपनी उंगली से प्रेशर डालें।

सिर के पिछले भाग में कंधों के बीच में गर्दन के पीछे स्पाइनल कॉर्ड पर आधा इंच दाएं और आधा इंच बाई ओर अपनी उंगली से जवाब दें।

दोनों कंधों और गर्दन के जोड़ पर यानी गर्दन के निचले व कंधों के बीच के स्थान पर प्रेशर डालें।

ऐसा करते समय लंबी व गहरी सांस लें तथा 1 पॉइंट पर कम से कम 1 से 2 मिनट तक लगातार प्रेशर बनाएं।

याद रहे प्रेशर डालने से शरीर में दर्द नहीं होना चाहिए बल्कि थोड़ी चुभन का एहसास हो सकता है इस बारे में किसी एक्यूप्रेशर विशेषज्ञ से सलाह ले सकते हैं।

दिमाग को केंद्रित करें

सीधे खड़े होकर या बैठकर अपने दोनों हाथों को बार-बार सीने के सामने लाएं। दिमाग दिमाग को किसी एक अच्छी बात पर केंद्रित करें इस समय थोड़ी गहरी सांस भी लें इस हल्की बस एहसान कसरत को दो-तीन बार करें इससे गर्दन व पीठ के ऊपर की पेशियां तनाव मुक्त होती है।

पोषक तत्वों को खाने पीने में शामिल करें

तनाव घटाने वाले पोषक तत्वों को खाने पीने में शामिल करें मानसिक शांति के लिए संतुलित भोजन के साथ साथ भोजन में पर्याप्त मात्रा में पोषक तत्व भी होना बहुत जरूरी है। प्रमुख रूप से विटामिन बी कंपलेक्स के साथ-साथ कैल्शियम, मैग्नीशियम, तांबा, लोहा, मैगनीज, जस्ता आदि तत्वों का भी समावेश होना जरूरी है।

टहलें

ब्राह्मण करने से स्वसन क्रिया तेज होगी और खून का दौरा पड़ेगा यदि आपके लिए खुले मैदान में घूमना संभव ना हो तो घर के आस-पास भी घूम सकते हैं मानसिक शांति पाने का यह एक बेहतर और आसान उपाय हैं।

संगीत सुनें

अनुसंधान और प्रयोगों से यह साबित हो गया है कि संगीत से हमारी मानसिक समस्याओं का इलाज हो सकता है।  संगीत हमारे दिल धड़कनों को कम और तेज भी कर सकता है। अपने मनपसंद हल्के और मधुर संगीत के सुनने से सहज ही मानसिक शांति प्राप्त हो जाती है।

अपने मित्र को फोन करें

अगर अपना दुख किसी के साथ बांट लेते हैं तो अपना मन का बोझ बहुत हलका हो जाता है। इससे आपको मानसिक शांति प्राप्ति होगी।  अतः तनाव या चिंता की स्थिति में अपने प्रिय मित्र से बातें करें उसे अपने तकलीफ बतायें, इससे आपके मन का बोझ तो हल्का होगा ही आपका मित्र आपकी समस्या से उबरने का रास्ता भी बता सकता है।

 

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