mouth ulcer home remedy

 Mouth ulcer homeopathic remedies

Mouth ulcer

मुंह में छाले

मुंह में छाले कब्ज, अजीर्ण तथा खानपान के गड़बड़ी आदि के कारण हो जाते हैँ। अक्सर यह देखा गया है की कब्ज के ठीक होते ही मुंह के छाले भी ठीक हो जाते हैँ। कई बार पान में तेज चुना खाने तथा गर्म और मिर्च मसालों वाले पदार्थो के खाने से भी मुंह में छाले पड़ जाते हैँ।

रोग के लक्षण

सबसे पहले जीभ की नोक पर छाले निकलते हैँ। फिर धीरे धीरे पूरी जीभ को घेर लेते हैँ। छालों के कारण मुंह में हर समय लार आती रहती है तथा खाने पीने के समय काफी कष्ट होता है, खाने पीने के पदार्थ कांटे की तरह चुभते हैँ। छालों में जलन और दर्द होने से रोगी परेशान रहता है। 

होम्योपैथिक ईलाज

बोरेक्स 30, दिन में 3 बार  – मुँह में घाव होना और उससे खून बहना। जीभ और तालु के अंतिम भाग में घाव, मुँह का भीतरी भाग गरम।   बच्चों के मुँह और जीभ के छालों के लिए उत्तम दवा।

मर्क सोल 1M, 1खुराक – मुंह या जीभ में छाले हो जाने के साथ ही मुंह से लार बहते रहना। जीभ मोटी फूली हुई और थुलथुली रहती है, उसके ऊपर दाँत के दाग पड़ते हैँ।

नाइट्रिक एसिड 30, दिन में 3 बार – मुँह में घाव जिससे अत्यधिक दर्द होता है। लगातार लार बहते रहता है। घाव मसूढ़े से शुरू होकर गला तक फैल जाता है।

काली क्लोर – इसके 2x पावर को पानी में घोलकर उससे कुल्ला करना चाहिए या मलहम बनाकर घाव पर लगाना चाहिए। 30 पावर को सेवन किया जाना चाहिए।  जीभ का घाव, मुँह का गैंग्रीन, प्रसूति के मुँह का घाव, मसूढ़े का घाव बुरी गंध वाला घाव आदि के लिए।

कौण्डयूरैंगो 30,  दिन में 3 बार – होंठ के किनारे और कोनों का फटना और उसके बाद घाव हो जाना।

साधारण हर तरह के मुँह के छालों और घाव के लिए

मर्क सोल 1M, 1 खुराक खाकर बोरेक्स 30 या 200 रोज 2 या 3 बार लेना चाहिए।

 

घरेलु उपचार (home remedies for mouth ulcer)

  • हरे धनिये के पत्ते को चबाने से मुंह के छाले ठीक होते हैँ।
  • अगर कब्ज के कारण हो तो रात के भोजन के बाद दो छोटी हरड़ चबाकर खा जाएं, इससे सुबह पेट साफ हो जायेगा जिससे कारण मुंह के छाले ठीक होने लगेंगे।
  • चुटकी भर सुहागा भून कर महीन पीस कर इसमें ग्लिसरीन या देशी घी मिलाकर छालों पर लगाएं।

    अमरुद के हरे पत्ते को चबाने से छाले ठीक होते है।

  • तुलसी के पत्ते के रस को छालों पर लगाएं, इससे छाले ठीक हो जाते हैँ।
  • बबूल की छाल को सुखाकर उसका चूर्ण बना कर उस चूर्ण को छालों पर बुरककर लार बाहर टपकने दें। इससे छाले ठीक हो जायेंगे।
  • कत्था और मुलेठी का चूर्ण को मिलाकर छाले के दानों पर लगाएं और लार बाहर टपका दें।
  • सुबह के समय मुंह के छालों पर दही लगाएं।
  • नीम की पत्ते को पानी में उबाल कर उस पानी से बार बार कुल्ला करें।
  • मुनक्के के 8-10 दाने को पानी में फुलाकर फिर उसको चबाकर खाने चाहिए।
  • गरमी के मौसम में फिटकिरी के पानी से कुल्ला करने से छाले सुख जाते हैँ। अनार के छिलके को पीसकर छालों पर लगाने से छाले सुख जाते हैँ।
  • खाना खाने के बाद अमरुद का सेवन करे।

भोजन तथा परहेज

  • मुंह में छाले अधिकतर पेट की खराबी से होते हैँ इसलिए कब्ज नहीं बनने दें। अगर कब्ज हो जाय तो सबसे पहले उसे दूर करें।
  • तली हुई चीजें, अधिक खट्टी, चटपटी या मसालेदार पदार्थ ना खाएं।
  • चाय, शराब, बीड़ी, सिगरेट या कोई नशीली चीज का सेवन नहीं करना है।
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