नक्स वोमिका
Nux vomica
कुचले के विष को नक्स वोमिका कहा जाता है
नक्स वोमिका का रोगी शीत प्रधान होता है। हर वक्त जाड़ा महसूस करता है। तुरत में ही सर्दी से पीड़ित हो जाते हैं और खुली हवा से बचते हैं। मानसिक काम के बोझ से दबा हुआ रहता है और बिलकुल आराम का जिंदगी व्यतीत करता है। लम्बे समय तक कार्यालय में काम करने, अत्यधिक अध्ययन, चिंतन आदि करने वाले व्यक्तियों के लिए जो मानसिक थकान को दूर करने के लिए कॉफ़ी, शराब आदि का प्रयोग ज्यादा करते हैं। देर रात तक जागने के कारण अगले दिन सिर भारी, पेट की गड़बड़ी, चिड़चिड़ापन आदि। भीतर से एक तरह का जाड़ा मगर बाहर शरीर में गर्मी वाला जलन जैसे शरीर जल रहा है। साथ ही तरह तरह के तेज तेल मसालों वाले खाना खाने, बहुत दिनों तक तरह तरह की दवाओं और नीम हकीम, वैद्य, डॉक्टर के पेटेंट दवाओं आदि का प्रयोग करने और तंबाकू तथा शराब का अधिक सेवन करने के कारण जिनका स्वास्थ्य खराब हो चुका है उनके लिए यह खास उपयोगी है।
मानसिक लक्षण
नक्स के रोगी गुस्सैल,चिड़चिड़ा, झगड़ालू, जिद्दी, बद मिजाज होते हैं, हर बात में दोष निकालने की और बुरा भला कहने की आदत होती है (कैमोमिला) थोड़ा सा में ही क्रोधित हो जाता है। शोरगुल, गंध, प्रकाश, आदि, सहन नहीं करता, अपने को छूने नहीं देता।
यह दवा उनलोगों के लिए विशेष उपयोगी है जो बहुत ज्यादा पढ़ा करते हैं और घर से बाहर बहुत कम निकलते हैं। जो शारीरिक मेहनत नहीं करते, शराब पीने की लत के शिकार व्यक्ति के लिए। हमेशा पेट की बीमारी से ग्रसित कब्ज।
ऐसे विद्यार्थियों के लिए जो दिन रात किताबों में ही लीन रहते हैं लेकिन शारीरिक काम नहीं किया करते। दिमागी मेहनत खूब होता है लेकिन शारीरिक मेहनत करने का मौका नहीं मिलता।
जिनको बवासीर और कब्ज की हमेशा शिकायत बनी रहती है और दिन व दिन भूख में कमी होती जाती है और चिड़चिड़ापन बढ़ता जाता है। हर किसी से झगड़ जाता है।
सुबह के वक्त मूँह का स्वाद खराब रहता है खाने पीने के बाद सामान्य हो जाता है। रात में जागने से, बहुत ज्यादा खाना, शराब पीना, नशीले पदार्ध का सेवन करने आदि से अगर कोई बीमारी हुई हो तो नक्स तुरत फायदा करेगी।
पेट
खाने के एक या दो घंटे बाद पेट भारी हो जाता है, फूल जाता है, पत्थर जैसा कड़ा हो जाता है उसके बाद सिर दर्द की शिकायत साथ ही धड़कन तेज हो जाती है। बहुत ज्यादा खाने से, ज्यादा शराब पीने से, ज्यादा यौन संबंध से, अधिक दवाओं के सेवन से, सुस्ती के साथ दिन बिताने से अगर पाचन शक्ति खराब हो गई है तो सबसे पहले नक्स वोमिका का प्रयोग करना चाहिए।
खाना खाने के तुरंत बाद खायी हुयी चीज का उल्टी कर देना। अगर कई घंटे बाद खायी हुयी चीज का का उल्टी हो तो (क्रियोजोट)।
धुएं जैसी या खट्टी डकार के साथ हिचकी होना, ठंडा पानी पिने पर हिचकी बढ़ जाना, पेट फूलना
कब्ज
बार बार मल त्याग की इच्छा होने के बाद भी हर बार थोड़ा थोड़ा ही मल निकलता है और महसूस होता है कि पेट साफ नहीं हुआ है | यह इस दवा का विशेष लक्षण है | एक बार कब्ज तो एक बार पतले दस्त हो जाना
पेचिस में पाखाना होने के पहले पेट में दर्द और ऐंठन होता है लेकिन पाखाना के बाद कुछ समय के लिए कम हो जाता है। अगर पाखाना हो जाने के बाद भी ऐंठन बना रहे तो —मर्क कॉर। पखाना हो जाने के बाद कुछ देर के लिए दर्द में राहत मिल जाती है।
(पाखाना बिल्कुल लगती ही नहीं – ब्रायोनिया)
बदहजमी और अम्लपित्त की बीमारी- जो कुछ खाता है वह अच्छी तरह से पचता नहीं है और पेट में दर्द होता है, कब्ज के साथ साथ पेट में ऐंठन जैसा दर्द, लगातार ओकाई आती है कभी कभी मुह में ऊँगली डालकर कै कर देता है| पेट में गैस भरा होता है और मुंह में पानी भर आता है। गरम पानी पीने से आराम लगता है |
नाक
नाक ठंसी हुई (बंद), खासकर रात में। शुष्क ठन्डे वातावरण में रहने से नाक भरी हुई सर्दी, रात में तथा घर के बाहर रहने से नाक बंद हो जाती है या एक नथुना बंद होकर और दुसरे से बहता हुआ जुकाम, इस तरह बारी बारी क्रम चलता रहता है।
बवासीर
जो लोग शारीरिक परिश्रम नहीं कर पाते उनके बादी बवासीर का दर्द। खुजली युक्त अदृश्य अर्श के साथ पाखाने की असफल हाजत।
पेशाब
कैंथरिस की तरह नक्स भी पेशाब की तकलीफ़ में बहुत उपयोगी है, दर्द के साथ बार बार पेशाब लगता है लेकिन होता नहीं है, काँखना पड़ता है। ब्लैडर और मूत्र मार्ग में जलन और दर्द, अगर दर्द के साथ बूंद बूंद टपके तो—कैंथरिस
अच्छी अच्छी गरिष्ठ भोजन खा लेने के बाद पेट की बीमारी और साथ में दमा हो जाए।
पुरुष
सहज ही कामोत्तोजित हो जाता है, विलासी जीवन जीने से उत्पन्न वीर्य स्खलन। लैंगिक संसर्ग की अधिकता से उत्पन्न दुष्परिणाम। स्वप्नों के साथ शुक्रमेह, उसके बाद पीठ दर्द, मेरुदण्ड में जलन, दुर्बलता और चिड़चिड़ापन। वृषण ग्रंथियों में दर्द
बुखार
शारीर से कपड़ा अलग होते ही तुरत जाड़ा लगने लगता है। मलेरिया, जाड़े का बुखार, लिवर से सम्बंधित किसी खराबी के साथ ज्वर, हर तरह का साधारण ज्वर।
धड़कन
खाना खाने के बाद लेटने से, कॉफी से और अधिक पढ़ाई से धड़कन होती है।
हर्निया
बच्चों में बाईं तरफ की हर्निया, अगर दाईं तरफ हो तो— लाइकोपोडियम.
रोग वृद्धि
मानसिक परिश्रम से, सुबह के वक्त, भोर में नींद टूटने पर, रात में जागने से, खाना खाने के बाद या अधिक खा लेने पर, हिलने डूलने से, क्रोध से, ठण्तेड से, शुष्लक मौसम से, मसालों से, ठंडी हवा से, उत्नतेजक और नशीली चीज खाने से |
कमी
शाम के समय, आराम करने से, स्थिर रहने से, लेटने से
रोग के कारण
क्रोध, कॉफ़ी, एल्कोहल, हस्तमैथुन, यौन सम्बन्धित अधिकता, कुविचार
पूरक- सल्फर, सीपिया
प्रतिकूल (विरोधी औषधि) — ज़िंकम के पहले और बाद कभी भी नक्स का प्रयोग नहीं करना चाहिए
पोटेंसी 2X , 30, 200, 1M
जब शरीर और मन शांत अवस्था में हो उस समय नक्स अच्छा काम करती है इसलिए रात को सोने से पहले इसका सेवन करना ज्यादा अच्छा है |