memory loss treatment

भुलक्कड़पन Memory loss

कमजोर याददाश्त

Memory loss disease 

अत्यधिक चिंता, तनाव और अवसाद व्यक्ति के दिमाग को प्रभावित करते हैं, जिसके कारण उसकी याददाश्त कमजोर होने लगती है। यदि मस्तिष्क कमज़ोर है, तो व्यक्ति में डिमेंशिया या अल्जाइमर का भी खतरा होता है।

यह सबसे गंभीर लक्षण है जब कोई व्यक्ति एक घटना को याद नहीं करता है जो एक या दो दिन पहले, एक यादगार पल या एक पुरानी चीज थी।

कमजोर याददाश्त के कारण

 weak memory causes

नींद की कमी – नींद की कमी के कारण एक व्यक्ति भूलने की बीमारी से पीड़ित होता है। पर्याप्त नींद न लेने से व्यक्ति चिड़चिड़ा हो जाता है और मूड खराब होता है जो उसके दिमाग को प्रभावित करता है और उसकी याददाश्त कमजोर करता है।

दवा का सेवन – डिप्रेशन और ब्लड प्रेशर की दवा के कारण व्यक्ति भूल सकता है। इससे व्यक्ति चक्कर खा जाता है और भ्रम का कारण बनता है। इस वजह से उनका ध्यान नई चीजों की ओर नहीं जाता है। अगर दवा लेने के बाद आपकी याददाश्त कमजोर हो रही है, तो तुरंत डॉक्टर से बात करें।

थायराइड – जब एक थायरॉयड ग्रंथि हार्मोन की एक बड़ी मात्रा का उत्पादन नहीं कर सकती है, तो स्मृति प्रभावित होती है। थायराइड की समस्या होने से नींद कम आती है, जिससे अवसाद होता है। इन दोनों कारणों के कारण व्यक्ति की याददाश्त कमजोर होने लगती है। अगर आपको ऐसा लगता है तो अपना ब्लड टेस्ट कराएं।

शराब – अधिक शराब पीने से याददाश्त कमजोर हो जाती है। साथ ही, जब तक शराब का प्रभाव शरीर में रहता है, मस्तिष्क ठीक से काम नहीं करता है। हालांकि, अलग-अलग लोगों में इसका प्रभाव अलग होता है। महिलाओं को दिन में एक बार से ज्यादा और पुरुषों को दो बार से ज्यादा शराब का सेवन नहीं करना चाहिए।

चिंता और तनाव – अगर आप किसी चीज़ पर ठीक से ध्यान नहीं दे पा रहे हैं तो आपको दिमाग से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं। यह केवल तनाव और चिंता के कारण होता है। तनाव और चिंता आपका ध्यान भंग करते हैं और नई चीजों को आपके दिमाग में प्रवेश नहीं करने देते हैं। इससे भूलने की बीमारी हो सकती है।

डिप्रेशन – ज्यादातर नाखुश, किसी चीज का आनंद नहीं लेना और लोगों से अलग होना अवसाद के लक्षण हैं। याददाश्त का कमजोर होना भी डिप्रेशन का एक कारण है।

सिर में चोट – अगर आपको बचपन में किसी दुर्घटना में सिर में चोट लगी है, तो भी आपको भूलने की समस्या हो सकती है। यदि मस्तिष्क में रक्त ठीक से नहीं बह रहा है, तो भूलने की बीमारी का खतरा है।

आदमी को एक दिन में 24 घंटे में से 7 से 8 घंटे सोना पड़ता है, लेकिन नींद पूरी नहीं होती है और वह थक जाता है। दिमाग काम करना बंद कर देता है, याददाश्त कमजोर होने के कुछ और भी कारण हैं जैसे रोजाना सुबह का नाश्ता न करना, जरूरत से ज्यादा खाना खाना और खासकर दिन भर कम पानी पीना, कई समस्याएं पैदा करता है, सिर्फ कमजोर दिमाग ही नहीं बल्कि और भी बहुत कुछ। इसलिए पानी को कभी भी कम नहीं करना चाहिए। खड़े रहने के दौरान कभी पानी न पिएं। इस पानी से आपको काफी लाभ मिलेगा, जितना अधिक पानी आपके पेट में जाएगा, उतना ही अधिक लाभ मिलेगा। यदि आप खड़े होकर पानी पीते हैं, तो कुछ समय के बाद आपको घुटनों की समस्या होगी, जिसका इलाज अभी तक किसी ने नहीं किया है। एक ही समय में बहुत सी चीजें करने से मस्तिष्क पर अधिक प्रभाव पड़ता है, और मस्तिष्क थक जाता है जिसके कारण दिमाग कमजोर हो जाता है, हर कोई काम में इतना व्यस्त है कि उनके पास खुद के लिए समय नहीं है। और ऐसे बहुत से काम करते हैं जो दिमाग को सबसे ज्यादा काम करते हैं, आइए जानते हैं दिमागी शक्ति बढ़ाने के आयुर्वेदिक उपाय।

 

कमजोर याददाश्त की बीमारी और प्रमुख होम्योपैथिक दवाएं

 Best homeopathy medicine for weak memory

यहाँ कुछ प्रमुख होम्योपैथिक दवाओं के बारे बारे में बताया जा रहा है जो कमजोर याददाश्त और भूलने आदि की बीमारी में काफी फायदेमंद हैं , दवाएं लक्षणों के अनुसार ही चुनें और आवश्यकतानुसार दिन में 3  से 4 बार  बार तक ली जा सकती हैं

Best homeopathy medicine for weak memory

एसिड फॉस  Q  या 30 दिन में 3 बार – इस दवा का प्रमुख लक्षण है कमजोरी | पहले मानसिक कमजोरी होना ,फिर शारीरिक कमजोरी हो जाना. मानसिक दुःख तनाव ,अत्यधिक वीर्य का क्षति होने, आदि के कारण दिमागी कमजोरी ,ध्यान केंद्रित नहीं हो पाना, याददाश्त कमजोर हो जाती है. जीवन में निराशा छा जाना, सोचने समझने की शक्ति कम हो जाना.

ऐनाकार्डियम और ऐथूजा 30 या 200 दिन में 3 बार -कमजोर याददाश्त, दिमागी थकावट, अधिक मानसिक काम करने से थकावट होने के कारण  भुल्लकड़पन | परीक्षा के समय बहुत अधिक पढ़ने लिखने के कारण इतना मानसिक थकावट हो जाना की दिमाग काम न करे, पढाई या कोई चीज में मन केंद्रित न हो पाना, चिड़चिड़ापन,परीक्षा से भय आदि लक्षणों में उपयोगी.

बैराइटा कार्ब 30 या 200 – यह दवा बच्चों तथा बूढ़े लोगों के मानसिक तथा शारीरिक कमजोरी दोनों लक्षणों में उपयोगी है. बच्चा मानसिक और शारीरिक दोनों तरह से पिछड़ा रहता है. बौनापन, अनजान व्यक्तियों से मिलना जुलना नहीं चाहता , शर्मीला , पेट फुला हुआ, टॉन्सिल का शिकायत, स्वप्न दोष होता है. बूढ़े आदमी भी बच्चों जैसा व्यवहार करता है | कुछ याद नहीं रहना, वृद्धावस्था में भूलने की बीमारी होना.

लैक केनाइनम 30  या 200 – व्यक्ति अत्यंत भुलक्कड़ और अनमना, बाजार में सामान खरीदना और लेना भूल जाना (यह कभी कभी किसी के साथ हो सकता है लेकिन अगर यह आदत जैसा हो जाय तब इसे बीमारी मानेंगे ). मन को एक जगह स्थिर नहीं रख सकता है,पत्र लिखते समय कई शब्द छोड़ देता है.

कैनाबिस इंडिका Q – इतना ज्यादा भुल्लकड़पन की बोलते बोलते भूल जाता हैकि क्या बोलने जा रहा था.

मैडोराइनम 200  या 1 M – रोगी अपना नाम तक भूल जाता है.

 

दवा प्रयोग करने की विधि

Q – 10 -10  बून्द दिन में 3 बार थोड़े (1 /4 कप पानी के साथ )

30, 200 –  3 -3  बून्द दिन में 3  बार 

अगर आपकी या आपके किसी करीबी की याददाश्त कमजोर है, तो आप अपने भोजन में खाद्य पदार्थों को बढ़ाने और याददाश्त बढ़ाने के उपायों की मदद से इस समस्या से छुटकारा पा सकते हैं।

कुछ बच्चों और वयस्कों को भी चीजों और चीजों को याद रखने में कठिनाई होती है। पोषण की कमी या किसी चोट या बीमारी के कारण किसी व्यक्ति की याददाश्त कमजोर हो सकती है। 

अगर आपकी या आपके किसी करीबी की याददाश्त कमजोर है, तो आप अपने भोजन में खाद्य पदार्थों को बढ़ाने और याददाश्त बढ़ाने के उपायों की मदद से इस समस्या से छुटकारा पा सकते हैं।

सेब

सेब में क्वेरसेटिन नामक एंटीऑक्सीडेंट होता है जो मस्तिष्क की कोशिकाओं को नुकसान से बचाता है। यदि ये कोशिकाएं क्षतिग्रस्त हो जाती हैं, तो बौद्धिक क्षमता में भारी गिरावट हो सकती है। सेब में पार्किंसंस और अल्जाइमर जैसी बीमारियों के जोखिम को कम करने की शक्ति है।

मछली के तेल की खुराक

मछली का तेल ओमेगा -3 फैटी एसिड इकोसापेंटानोइक एसिड (ईपीए) और डोकोसाहेक्सानोइक एसिड (डीएचए) से बना है। ये वसा तनाव और चिंता को कम करने में मदद करते हैं। कई अध्ययनों से पता चला है कि मछली के तेल की पूरकता, विशेष रूप से बुजुर्ग लोगों की

ब्राह्मी
याददाश्‍त बढ़ाने और बौद्धिक क्षमता में सुधार लाने के लिए ब्राह्मी सबसे बेहतरीन जड़ी बूटियों में से एक है। इसमें बैकोसाइड और सिटग्‍मास्‍टेरोल जैसे कई बायोएक्टिव तत्‍व मौजूद हैं जो न सिर्फ याददाश्‍त में सुधार लाते हैं बल्कि मस्तिष्‍क के कार्य को भी ठीक करते है।

शंखपुष्‍पीशंखपुष्‍पी का सेवन से दिमागी थकावट दूर होती है और मेमोरी पॉवर बढती है

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