अनिद्रा (Insomnia)
नींद न आना या अनिद्रा (Insomnia) एक बीमारी है , जो प्रायः मानसिक कारणों से होता है | जब शारीरिक या मानसिक परिश्रम करने के बाद शरीर की बहुत सी कोशिकाएं और टीशुएँ क्षय होती है, हमारा आहार उस कमी को पूरा करता है जो की क्षति पूर्ति होते समय एक अचेतना की अवस्था का अनुभव होता है और हमे नींद आने लगती है और तो नींद ही उस थकावट को खतम करके शरीर को फिर से कोई काम करने लायक बनाता है | नींद के समय दिमाग में खून का संचार कम हो जाता है और पेट, पाचन तन्त्र आदि में खून की मात्रा अधिक हो जाती है |
जब नींद इतना अधिक गहरा हो जाय ही आसानी से उठाना मुश्किल हो तो उसे कोमा कहा जाता है, यह नींद स्वभाविक नींद नही है और इससे शरीर को शांति देने या थकावट दूर करने का कोई मतलब नही है | जब हम कोई नशीला पदार्थ लेतेहैं और उसके बाद नींद आती है तो वह भी स्वाभाविक नींद नही है, नशीले चीज लेने पर मानसिक शक्ति उत्तेजित होती है और उसमे सुस्ती लाती है | किसी कारण से आई बहुत अधिक नींद भी एक बीमारी ही है, नींद के बिच बिच में चिल्लाना हाइड्रोकेफालस कहलाता है |
किसी कारण से नींद में गड़बड़ी होना या नींद न आना अनिद्रा कहलाता है, कई लोग इस रोग से परेशान होते हैं | अनिद्रा रोग होने पर कई गड़बड़ी जैसे- कमजोरी, सिर दर्द, सुस्ती, पेट की बीमारी, आँख में जलन आदि हो सकती है |
रोग की पहचान
बेचैनी रहती है, बार बार करवटें बदलता रहता है, अगर पहली नींद में आंख खुल गयी तो बाकी का रात काटना मुश्किल हो जाता है, सिर में दर्द होने लगता है, बार बार जम्हाई आने लगता है आदि
कारण
यह रोग प्रायः मानसिक कारणों से होता है जैसे
- मन में निराशा , चिन्ता,
- डर , आशंका , दुःख, सदमा
- खाने -पिने की खराब आदत
- देर रात तक जागने की आदत , दिन में सोना
- शारीरिक मेहनत की कमी
- बहुत अधिक ख़ुशी
- भूख से ज्यादा खाना खाना
- अधिक शराब का सेवन करना
- कब्ज होना
- अधिक चाय पीना
अनिद्रा से होने वाले नुकसान
- सुस्ती- अनिद्रा के कारण लोगों में देखा जाने वाला एक सामान्य लक्षण है।
- जागने के बाद आप सिर भारी महसूस करते हैं।
- जब कोई व्यक्ति अपनी दैनिक नींद पूरी नहीं करता है, तो उसके स्वभाव में चिड़चिड़ापन शुरू हो जाता है।
- ऐसे लोगों को गुस्सा बहुत जल्दी आता है और वे धीरे-धीरे डिप्रेशन का शिकार हो सकते हैं।
- उनका व्यवहार असामान्य होने लगता है।
- यदि अनिद्रा की समस्या लंबे समय तक है, तो यह शरीर के लिए गंभीर और पुरानी हो जाती है, जिसका इलाज किसी अच्छे डॉक्टर द्वारा किया जाना चाहिए।
- यदि कोई व्यक्ति 30 दिनों से अधिक समय तक ठीक से नहीं सो पाता है, तो इसका मतलब है कि वह पुरानी अनिद्रा का शिकार है।
- अनिद्रा से अवसाद, घबराहट, आत्मविश्वास की कमी जैसी मनोविकृति जैसी समस्याएं भी होती हैं।
ईलाज
एलोपैथी में अनिद्रा का दवा प्रयोग करने से नींद तो आ जाती है लेकिन कई नए रोग या कमजोरी हो जाने का डर रहता है , इसलिए इसका ईलाज के लिए होम्योपैथिक दवा प्रयोग करना ही बेहतर है |
Insomnia Homoeopathic medicine
एकोनाईट 30 या 200 दिन में 3 बार – बेचैनी , आधी रात को नींद टूटने पर फिर नहीं आती, चिन्ता, बिछावन पर इधर-उधर करना, मन में डर का भाव, बुखार आदि के साथ अनिद्रा
इग्नेशिया 200 या 1M और हायोसायमस 200 2-3 खुराक– किसी शोक, निराशा, किसी निकट सम्बन्धी की मौत होने, दुःख के कारण नींद नहीं आना (प्यार में धोका आदि )
पैसिफ्लोरा Q 20 बूंद रात को सोते समय – अनिद्रा की मुख्य दवा, साथ में स्नायविक कमजोरी (nervous weakness)
कॉफिया 200 2-3 खुराक – जब किसी खुशखबरी या कोई दुसरे आकस्मिक कारण से बिलकुल नींद नहीं आना
सल्फर 30 – जरा सी आवाज से अचानक नींद टूट जाती है और फिर नही आती है
नक्स वोमिका 30 दिन में 3 बार – पाचन तंत्र की गड़बड़ी , मन में लगातार कई तरह के विचार आते रहने से दिमाग आराम न पा सके, अत्यधिक पढ़ने और मानसिक चिन्ता के कारण
काली ब्रोम 30 दिन मे 3 बार – बहुत दिन तक कोई रोग रहने के बाद खून की कमी होने के कारण अनिद्रा, रात को दर लगना , स्वप्न देखकर डर जाना
फास्फोरस 30 दिन में 3 बार –बूढ़े व्यक्तियों में नींद नहीं आना, दिन में आए लेकिन रात में नहीं आए
ओपियम 30 दिन में 3 बार – नींद –नींद सा महसूस होना लेकिन नींद आती नहीं, शराब पिने वाले व्यक्ति, दुःख बाला खबर सुनकर यातेज आवाज सुनने के कारण अनिद्रा
जेल्सेमियम 30 दिन में 3 बार – जब किसी आतंक या डर या कोई बुरा खबर सुनने के बाद नींद नहीं आना
घरेलु ईलाज
- रात को सोने से पहले दोनों पैरों में घुटने तक सरसों का तेल लगाएं, पर के तलवों में भी तेल लगाएं
- सौंफ का पानी पिने डॉ भी नींद अच्छी आती है.
- आधा चम्मच हरे धनिये में थोडा शहद या चीनी मिलाकर पिने से अच्छी नींद आती है
- आधा चम्मच निम्बु का रस और एक चम्मच शहद मिलाकर रात को सोने से पहले सेवन करना चाहिए
- एक गिलास दूध में एक चम्मच घी मिलाकर सेवन करना चाहिए रात को सोने के समय
- सरसों का तेल माथे या कनपटियों पर हल्का मालिश करने से भी नींद आ जाती है
- सोने से पहले 250 ग्राम गुनगुने दूध में शहद मिलाकर पीना चाहिए
- शाम को दही में चीनी के साथ कलि मिर्च और सौंफ मिलाकर खाने से अनिद्रा में फायदा होता है
अच्छी नींद के लिए कुछ आसान उपाय
Tips for good sleep in hindi
1. नियमित व्यायाम की आदत डालें, इससे नींद अच्छी आती है, लेकिन सोने से पहले व्यायाम न करें।
2. सोने वाले कमरे को बिलकुल शांत और अंधेरा रखें।
3. सोने और उठने की दिनचर्या बनाएं।
4. शवासन का नियमित अभ्यास रात को सोते समय करें।
5. सोते समय सकारात्मक विचारों से शांत रहें।
अनिद्रा से बचाव के लिए अन्य महत्वपूर्ण बातें
- अगर आपको नींद नहीं आ रही है, तो बिस्तर पर न जाएं।
- बिस्तर में लेटते समय नींद का इंतजार न करें। नींद पूरी होने पर ही लेटें।
- रोज सुबह एक निश्चित समय पर उठें। रात में निश्चित समय पर सोएं।
- देर रात तक पार्टी और टीवी देखने की आदत छोड़ें।
- दिन में न सोएं ताकि रात में आपको अच्छी नींद आए।
- कब्ज न होने दें।
- रात को सोने से पहले कोई चिंता, निराशा, दुःख, आशंका , भय और रोजगार की बातें न करें, शराब आदि से बचें।
- सोने से पहले व्यायाम और भोजन करें। सोने से पहले हाथ, पैर धोएं या स्नान करें।
- रात को सोने से पहले एक सेब का मुरब्बा गर्म दूध के साथ लें।
- 200 ग्राम पानी में 200 मिनट तक उबालने के बाद तीन ग्राम ताज़े पुदीने की पत्तियां डालें। इसमें दो चम्मच शहद मिलाएं और रात को सोने से पहले गुनगुने पानी में मिलाकर पिएं। 3-4 हफ्ते तक इसे आजमाएं फिर देखें।
- कुछ धार्मिक रोगियों से बात करने के बाद, यह पाया गया कि यदि कोई भगवान की स्तुति करता है या किसी मंत्र का जप करता है जैसे – गायत्री मंत्र, तो भी व्यक्ति को नींद आ जाती है।