कैल्केरिया सल्फ या कैल्केरिया सल्फ्यूरिका
Calcarea sulphurica
Calcarea sulph
सल्फेट ऑफ लाइम- प्लास्टर ऑफ पेरिस
यह दवा साईलिसिया और कैलेन्डुला के समान क्रिया करती है। हिपर सल्फर से इस दवा का कोई सबंध नहीं है। हिपर, माईरिस्टिका और मर्क सोल के जैसा इस दवा में पीब करने का गुण नहीं है, लेकिन पीब बन जाने पर तथा पीब बहने और निकलने पर यह दवा जल्दी सूखा कर ठीक कर देती है।
यह दवा लगभग सभी तरह के पीब बहने वाले बीमारियों जैसे पुराने फोड़े, घाव, चीरा हुआ घाव तथा आँख के कॉर्निंया का घाव में काफी फायदेमंद है। किसी तरह का घाव क्यों न हो अगर उससे मवाद निकल रही है तो इस दवा से जरूर फायदा होगा।
हिपर सल्फर और मर्क सोल ये सब दवाओं के कम पोटेन्सी प्रयोग करने से फोड़े आदि पक जाते हैँ और पीब ऊपर आ जाती है तथा फोड़ा फटकर पीब निकलने में सहायता मिलती है लेकिन जब पीब बंद न हो और लगातार बहता रहे तो कैल्केरिया सल्फ से पीब सूखने में मदद करती है। साईलिसिया में भी पीब रोकने की ताकत होती है लेकिन साइलीसिया की पीब बदबूदार, पतला और मैले पानी के जैसा या रस के तरह होती है मगर कैल्केरिया सल्फ की पीब में कोई गंध नहीं, गाढ़ी सफेद और खून मिला हो सकता है।
Note– घाव अगर हड्डी तक पहुँच जाये तो कैल्केरिया हाइपोफॉस, कैल्केरिया फ्लोर, ऐङ्गस्टीयुरा आदि का लक्षण के अनुसार प्रयोग करना सही रहेगा।
कान बहना
कान से सफेद गाढ़ा या खून मिला पीब निकलना, कान के चारों ओर फुन्सियां। बहरापन के साथ कान बहना।
(पानी के तरह पतले कान के स्राव में साईलिसिया तथा छील देने वाले और जहाँ पीब लगे वहां घाव हो जाने वाले पतले बदबूदार स्राव में टेलूरियम )
त्वचा
कटे फटे घाव, गंदी पीब बहती रहती है, घाव जल्दी नहीं भरते। पीली पीबदार पपड़ीयाँ या स्राव। पीली पीली फुंसियों वाला चर्म रोग। बालों के निचे बहुत सारी छोटी छोटी फुसियाँ जिसमें पीब नहीं रहती लेकिन खुजाने पर उसमें से खून निकलने लगता है। बच्चों में सूखा एकजिमा। माथा तथा अन्य जगहों पर एकजिमा
बाहरी अंग
पैर के तलवों में घाव और जलन के साथ खुजली होना।
इसके अलावा सिस्टिक ट्यूमर और ग्रंथियो का ट्यूमर (fibroids) आदि बीमारियों में इसका उपयोग किया जाता है।
तुलना करें – हिपर सल्फर, साइलीसिया
रोग बढ़ना – आराम से, मौसम बदलाव से
रोग में कमी – गरम सेंक देने से
पोटेंसी – 3x से 200