ल्युकोडर्मा
Leucoderma
or
Vitiligo
श्वेतकुष्ठ या सफेद दाग
लक्षण
Symptoms of leucoderma
व्यक्ति का शरीर की त्वचा जगह जगह पर सफेद या सादा हो जाता है। कभी कभी एक अंग का पूरा एरिया सफेद हो जाता है, और उस स्थान के बाल तक भी सफेद हो जाते हैँ। इससे कोई कष्ट नहीं होता है लेकिन शरीर देखने में बुरा लगता है। यह छुआ छूत या संक्रामक रोग नहीं है इसलिए किसी एक को हो जाने पर अन्य को संपर्क में आने से हो जाने का कोई डर नहीं है। इस बीमारी में चमड़ी का ऊपरी सतह ही केवल प्रभावित होता है। शुरुआती अवस्था में लाल दाग पड़ते हैँ जब ये पक जाते हैँ तो सफेद हो जाते हैँ और यहां तक की वहां के रोम भी सफेद हो जाते हैँ। यह बीमारी शरीर के किसी एक स्थान पर एक बिंदु के रूप में शुरू होकर धीरे धीरे बढ़ता है और त्वचा के अनेक भागों में फैल जाता है।
अंधविश्वास में आ कर झार फूँक के चक्कर में ना पड़ कर डॉक्टर से मिलकर ईलाज करवाना चाहिए।
कारण
Leukcoderma causes
कोई ठोस कारण पता नहीं लग पाया है लेकिन ऐसा माना जाता है की एक मेलेनोसाइट नाम का कोशिका त्वचा में पायी जाती है जिस के अंदर मेलेनिन नाम का पिग्मेंट बनता है यही पिगमेंट के कारण त्वचा को रंग मिलता है। किसी कारण से मेलेनिन का निर्माण कम हो या बंद हो जाये तो त्वचा का रंग अपने प्राकृतिक रंग से बदल सकता है। कभी कभी जन्म से ही यह रोग होता है।
हिंदी में इस रोग को फुलेरी और अंग्रेजी में विटलिगो या ल्यूकोडर्मा बोला जाता है।
होम्योपैथिक दवा
Homeopathic medicine for leucoderma
आर्सेनिक सल्फ फ़्लेवम 3x, 30 या 200.- प्रमुख दवा, दिन में 3 बार कम से कम 3 से 4 महीने तक लगातार प्रयोग करना चाहिए।
आर्सेनिक एल्ब 200 – रोज दिन में 3 बार
ऑयल बूची – बाहरी प्रयोग के लिए, प्रभावित जगह पर रोज दिन में 2 से 3 बार लगाया जाता है।
बोरेक्स 30, दिन में 2 से 3 बार – अगर सफेद दाग पर लाल धब्बे रहे।
सोरिनम 200 सप्ताह में 1 बार – अगर सफेद दाग पर बाल का गुच्छा हो
बायोकेमिक दवा – नैट्रम म्यूर और कैल्केरिया फॉस 3x या 6x – 4-4 गोली दिन में 3 से 4 बार
Note – सफेद दाग ना तो छुआ छूत वाली बीमारी है ना ही इस से होने वाले संतान पर कोई असर होता है। रोगी की जिंदगी पर कोई असर नहीं पड़ता बस रंग देखने में बुरा लगता है